नेपाली पीली सतावर की खेती में नुकसान को कैसे रोकें और ज्यादा मुनाफा कैसे कमाएं

सतावर एक बहुवर्षीय फसल है जो जैविक विधि से उगाई जाती है।जो किसान भाई नेपाली पीली सतावर (Satavar) या शतावरी(Shatavari) की खेती में ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते है और चाहते है कि खेती में कम से कम नुकसान हो तो उन्हें कुछ सावधानियां बरतनी होती हैं। अक्सर ये देखा जाता है कि किसान भाई बीज खरीदते समय, पौध तैयार करते समय और फसल के समय छोटी छोटी गलतियां कर देते हैं। नतीजतन खेत में पैदावार अच्छी नहीं हो पाती और नुकसान कर बैठते हैं। सतावर की खेती में अगर किसान भाई ध्यान रखे कि कहां कहां गलतियां हो सकती हैं और क्या क्या सावधानियां रखनी है तो होने वाले नुकसान को बहुत हद तक कम किया जा सकता है और प्रति हेक्टेयर उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है। इस बात का ध्यान रहे कि खेत में नेपाली पीली सतावर या शतावरी(shatavari) को ही उगाना चाहिए क्योंकि इसका व्यापारिक मूल्य(market value) अच्छा मिलता है। सतावर की खेती की विस्तृत जानकारी आप हमारे पिछले लेख को देख सकते हैं जिसका लिंक है - सतावर(Asparagus) की खेती कैसे करें ये सावधानियां हमें नीचे दिए गए समय पर बरतनी चाहिए :